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परिवार -06-Dec-2021

परिवार

अनजान लोगों के बीच अनजान जगह पर
एक जन्म लेता बच्चा उम्मीदों का आँचल बन
जिसे जन्म का ज्ञान नही
मरण का प्रमाण नही
जीवन की परिभाषा का आभास नही
पर जन्म लेता एक परिवार में ।
      सिखाते जिसे पग पग पर बढ़ना
      गिरने पर सबने हाथ है बढ़ाए
      चाहते चलाना तेज़ उसे वक़्त की धारा से
      गैरो के बीच दौड़ाने के लिए ।
पलता बढ़ता बच्चा समझ नही पाता 
किस परिवार का वो हिस्सा है
जिन्हें वो जानता भी नही 
क्या उन्ही से उसके जीवन का हर किस्सा है
       उलझन में वो बढ़ता रहता
      अनुकरण से वो सीखता रहता
      समझ मे उसे फिर भी ना आता
      ये परिवार उसे इतना क्यों है सताता
पग पग भर साथ देते हुए
हर दर्द में अपना हाथ देते हुए
जिंदगी की असली मझदार में
ये परिवार ही उसे क्यों है कोसता
        बच्चे की उलझन कभी नही समाप्त होती
        परिवार की जो परिभाषा सीखी
        वो पल पल क्यो है बदलती 
सब कुछ पाने के बाद भी
उसे आखिर अपनो की सुकूँ की गोद 
अंत मे  क्यों नही मिलती ।
@ajain_words

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5 Comments

Niraj Pandey

06-Dec-2021 11:39 PM

बहुत ही बेहतरीन

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Ravi Goyal

06-Dec-2021 11:33 PM

बहुत गहरी बातें 👌👌

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Swati chourasia

06-Dec-2021 11:32 PM

Very nice 👌

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